कुंआरे बता रहे,
पत्नियों की खूबियां,
बंदर-अदरक के किस्से,
कौन नहीं जानता!
लाख समझाएं कि ये,
सही कह रहे होंगे,
कोशिशों के बाद भी,
दिल नहीं मानता!
लाख सच कह रहे होंगे ये बेतजुर्बा लोग,
मेला (पतियों का) लगने पर एक वोट नहीं पाएंगे!
और, वक्त के तकाजे पर चढ़ेंगे ये खुद जब,
मोदी के कलेजे मनमोहन बन जाएंगे!!
- धीतेन्द्र कुमार शर्मा
(सोश्यल मीडिया पर पत्नियों के बारे में युवा पीढ़ी द्वारा बताए और फैलाए जा रहे अनुभवहीन नुस्खों के बीच २३ सितम्बर २०१५ को शब्दबद्ध ।)
1 comment:
kya gazab likha hai sir
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