ब्लॉग की दुनिया के सभी फनकार
नव वर्ष की दिली शुभकामनाएं!
2011 यानी 11 यानी डबल इक्का! बस, यही वजह है आज से शुरुआत की। ‘एक का अंक’ अपना मूलांक होने के कारण मैं इसका भक्त ही हूं। कोशिश होती है कि कोई श्रेष्ठ कार्य या नई पहल ‘एक अंक’ से करूं। एक यानी सूर्य का अंक। सूर्य यानी तेजस्वी। दुनिया का उजियारा सितारा। पर, आग का तमतमाता गोला भी। आशय सहज बोध्य है।
साथीगण अरसे से हठ कर रहे थे। ब्लॉग की दुनिया में आने की। वक्त के साथ कदमताल का प्रयास स्वभावगत भी है। फिर यह हमें उस दुनिया में ले जाता है जहां हम एक साथ सब सबके बीच होते हैं। मनसा-वाचा-कर्मणा। सो, बढ़ा लिए कदम 01-01-11 को।
सो आइये बढ़ते हैं इस आह्वान के साथ. . .
कदम बढ़ाया है तो बढ़ते रहेंगे,
भावों के देवालय गढ़ते रहेंगे,
आसमां झरोखा, झांकता परमात्मा,
हम आत्मा के झरोखे से डग चढ़ते रहेंगे,
आत्मा के झरोखे से पग चढ़ते रहेंगे।