Friday, December 31, 2010

कदम बढ़ाया है तो बढ़ते रहेंगे...



ब्लॉग की दुनिया के सभी फनकार

नव वर्ष की दिली शुभकामनाएं!

2011 यानी 11 यानी डबल इक्का! बस, यही वजह है आज से शुरुआत की। ‘एक का अंक’ अपना मूलांक होने के कारण मैं इसका भक्त ही हूं। कोशिश होती है कि कोई श्रेष्ठ कार्य या नई पहल ‘एक अंक’ से करूं। एक यानी सूर्य का अंक। सूर्य यानी तेजस्वी। दुनिया का उजियारा सितारा। पर, आग का तमतमाता गोला भी। आशय सहज बोध्य है।

साथीगण अरसे से हठ कर रहे थे। ब्लॉग की दुनिया में आने की। वक्त के साथ कदमताल का प्रयास स्वभावगत भी है। फिर यह हमें उस दुनिया में ले जाता है जहां हम एक साथ सब सबके बीच होते हैं। मनसा-वाचा-कर्मणा। सो, बढ़ा लिए कदम 01-01-11 को।

सो आइये बढ़ते हैं इस आह्वान के साथ. . .

कदम बढ़ाया है तो बढ़ते रहेंगे,
भावों के देवालय गढ़ते रहेंगे,
आसमां झरोखा, झांकता परमात्मा,
हम आत्मा के झरोखे से डग चढ़ते रहेंगे,
आत्मा के झरोखे से पग चढ़ते रहेंगे।

3 comments:

Unknown said...

blog ki dunia me swagat hai sir

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




आदरणीय धितेन्द्र कुमार जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

नेट भ्रमण करते हुए अचानक आपके यहां पहुंच कर हार्दिक प्रसन्नता है … आशा है , आवागमन होता रहेगा अब ।

बहुत बहुत उपकार … आपने ब्लॉग की दुनिया में आने की कृपा की !
लेकिन अब पोस्ट बदल कर कुछ नया देने की भी अनुकंपा हो जाए … :)

* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *

जा चुके हर पर्व , हर तयौंहार , हर उत्सव
* नवरात्रा , होली , महा शिवरात्रि , मकर संक्रांति , की शुभकामनाएं ! *
साथ ही… सम्पूर्ण
*नव संवत्सर के लिए हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !*

नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!

चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाई शुभ संदेश !
संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!


- राजेन्द्र स्वर्णकार

Unknown said...

sir hukum kadam kuch badhaye jaye
ek-aad panne or bhi chadhaye jaye

खुल्ला बोल: ब्राह्मण की पहचान फरसा या वेद!

संदर्भ- सामाजिक आयोजनों का संदेश क्या? -धीतेन्द्र कुमार शर्मा- इस आलेख पर आगे बढऩे से पहले मैं विप्र समुदाय से क्षमा प्रार्थना करते हुए (क्...